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۞ سوق عكـ |58| ـاظ ۞ولغَيرِ الله ما طابت خُطانَا * ولغير الله ما فلحَ المَسِيرُ | ط§ظ„طµظپطط© ط§ظ„ط³ط§ط¨ظ‚ط© | ط§ظ„طµظپطط© ط§ظ„طھط§ظ„ظٹط© | ط¨ط¯ط§ظٹط© ط§ظ„طµظپطط© |